छोटे बच्चों के घर में होने से जहां घर पर चारों ओर खुशी का माहौल बना रहता है वहीं दूसरी तरफ उनका पूरा ध्यान रखने की जिम्मेदारी बहुत बढी होती है। बच्चे तो स्वभाव से ही चंचल और खूब शरारती होते हैं। कुछ भी उठाकर मुंह में डाल लेते है। एेसे में ही अक्सर बच्चे सबसे ज्यादा मिट्टी को खाते है और धीरे-धीरे यह आदत इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि जैसे ही आप थोड़ा इधर-उधर हुए उनका मिट्टी खाना शुरू।इस आदत से सभी माता-पिता ही काफी परेशान दिखाई देते है क्योंकि इससे बच्चों के पेट में कई बार कीड़े हो जाते है तो कभी-कभी लगातार पेट में दर्द रहने लग जाता है।लेकिन इस आदत से छुटकारे के लिए यह जरूरी नहीं कि बच्चे को डाटां या मारा जाए।
बच्चों में मिट्टी खाने की आदत लाइलाज नहीं है लेकिन पहले उसकी तह में जाना होगा कि वह मिट्टी क्यों खाता है। सर्वप्रथम तो बच्चों के साथ प्यार और सहानुभूति से पेश आएं। यह देखें कि मां होने के नाते आप अपना फर्ज पूरा कर रही हैं या नहीं? एक मां का कर्तव्य है कि वह अपने शिशु को पर्याप्त अवधि तक स्तनपान कराए अपने साथ सुलाए ताकि वह अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके। इसी प्रकार यदि आप कामकाजी महिला हैं तो बच्चे के लिए भी समय निकालें, न कि उसे अपने हाल पर छोड़ दें। जितने समय भी आप घर में रहें उसे प्यार, दुलार दें।
बच्चे को उसकी इस आदत के लिए उसे दूसरों के सामने अपमानित नहीं करें। इसलिए उसे अकेले में प्यार से समझाएं कि यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है। उसकी आदत छुड़ाने के लिए उसके हाथ बांध देना या उसे मारना ठीक नहीं। इससे वे ढीठ हो जाते हैं। यदि उसका साथ मिट्टी खाने वाले बच्चों से है, तो वह छुड़ाइये उसे ऐसे कार्यों में जोड़ें ताकि उसे मिट्टी खाने का अवसर ही नहीं मिले।
छोटे बच्चों में मिट्टी खाना खून की कमी की निशानी है। इसका कारण बच्चों की खुराक में केवल दूध का सेवन होना है। हर चीज में दूध का मिश्रण होने से बच्चे में खून की कमी हो जाती है। बच्चों की खुराक में अन्न, दाल, सब्जियों की कमी होने से यह समस्या आती है। स्टूल में खून आना भी खून की कमी की निशानी है
सलाह :
- बच्चों की खुराक में देसी घी की मात्रा बढ़ानी चाहिए। दाल, खिचड़ी, दलिया, सूजी की खीर, केले, बिस्कुट, दही, अंडे व मांस का सेवन जरूर करवाएं। दूध की मात्रा उम्र के हिसाब से कम करें। 2 वर्ष की उम्र वाले बच्चे को मां का दूध जरूर मिलना चाहिए। बच्चों को खाना खिलाने के लिए कभी जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए और बच्चे को स्वादानुसार खुराक देनी चाहिए।
- कैल्शियम
कई बार बच्चे में कैल्शियम की कमी होने पर भी वह मिट्टी खानी शुरू कर देते हैं। यह जरूरी है कि डॉक्टर से जांच करवाएं और उन्हें कैल्शियम युक्त अधिक आहार दें। - अजवाइन
रात को हर रोज पानी के साथ बच्चे को अजवाइन का चूर्ण खिलाएं। इससे बच्चे की यह आदत छूट जाएगी। - लौंग का पानी
दो लौंग को पीसकर पानी में उबाल लें। इसे ठंड़ा करके बच्चे को दिन में 2-3 बार पिलाने से मिट्टी खाने आदत छूट जाती है। - केला
पक्के हुए 1 केले में शहद मिलाकर बच्चे को हर रोज खिलाएं। इससे उसका ध्यान मिट्टी की तरफ नहीं जाएगा।
यदि आपको लगता है कि आप प्रयास करते-करते थक गई हैं फिर भी वह अपनी आदत नहीं छोड़ रहा, तो उसे किसी मनोवैज्ञानिक के पास ले जाएं।
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