आज व्यस्तता भरे जीवन मे हम कही न कही अपने ऊपर ध्यान देना कम कर देते हैं। जिससे लाखों तरह की बीमारियां हमे घेर लेती हैं।आज लगभग 40% महिलाओं और 50% पुरुषों को उनके पूरे जीवनकाल में यूरिन इंफेक्शन होता हैं। खासतौर पर बच्चों की तुलना में वयस्कों में यूरिन इंफेक्शन अधिक पाया जाता हैं। आइए जानते है यूरिन इंफेक्शन किन वजहों से होता है? कभी-कभी हम जरूरी लम्बी मीटिंग में या लम्बी दूरी के सफ़र में सही जगह न हो पाने के कारण या कभी किसी अन्य मजबूरी के कारण, अगर आप भी अपना यूरिन रोक लेते हैं तो यही कारण आपके लिए एक बड़ी परेशानी के रूप में बन जाती हैं जिसे यूरिन इंफेक्शन कहते हैं। खासतौर पर, महिलाओं में यूरिन इंफेक्शन इसी कारण से पाया जाता हैं। चिकित्सक बताते है कि मूत्र मार्ग संक्रमण यानि यूटीआई इंफेक्शन से तात्पर्य गुर्दे,मूत्रवाहिनी,मूत्राशय,मूत्रमार्ग आदि कही भी हो सकता है। हम आपको बता दे कि लंबे समय तक यूरिन रोकना खासतौर पर महिलाओं के लिए खतरा बन जाता है जिससे ब्लैडर में सूजन आना,पीड़ित को यूरिन बार बार आना मगर बेहद कम होना। यूरिन सही से पास न हो पाने से किडनी पर भी असर पड़ता है जिसे कभी कभी किडनी फेल भी हो जाती हैं। अगर आप बहुत देर तक यूरिन रोककर रखते हैं तो आप देखेंगे कि आपके यूरिन का रंग गहरा हो जाएगा। इससे ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में यही छोटी समस्या बड़े बीमारी को अक्सर दावत देती है। दरअसल जब यूरिन सही से पास नही हो पाती तो यह किडनी की ओर जाने लगता है। जिससे तमाम छोटी बड़ी बीमारियों को दावत मिल जाती है।
पेशाब में गंध, स्टोन बनना,मितली आना,चक्कर आना,तेज ठंड लगना,बुखार आना,भूख कम लगना,पेट के निचले हिस्से में दर्द होना इसके लक्षण हैं। कैसे बचें यूरिन इंफेक्शन से:-
* अधिक से अधिक पानी पिएं। जिससे पिशाब के रास्ते हमारे शरीर के तमाम विकार निकल जाते है।
* अल्कोहल से दूर रहे। शराब,कैफीन का सेवन करने से इसे यूरिन व किडनी पर भी असर पड़ता हैं।
* सेक्स के तुरन्त बाद मूत्र त्याग करें।
* जननांगों को साफ रखें।
* माहवारी के दौरान सेनेटरी पैड का उपयोग व साफ-सफाई का ध्यान रखें।
यदि फिर भी यूटीआई संक्रमण के लक्षण लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि अक्सर हम देखते है एक जरा सी लापरवाही एक बड़ी बीमारी को न्यौता दे देती हैं।
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