माँ बनना हर महिला के लिए एक अलग ही अनुभव होता है | एक बच्चे को जन्म देने के अनुभव के लिए माँ पुरे 9 महीने इन्तेजार करती है| बच्चे के आने की ख़ुशी से ना केवल माँ बल्कि पूरा परिवार ख़ुशी के माहौल में डूब जाता है| और ऐसा हो भी क्यों ना |
गृभवती महिला इस कीमती पल का इन्तेजार बड़ी ख़ुशी के साथ करती है | लेकिन जब यह समय नजदीक आ जाता है तो वो थोड़े तनाव मई चली जाती है | इसके पीछे का सबसे मुख्य कारण कुछ और नहीं बल्कि प्रसव पीड़ा से होने वाला दर्द है | यह एक ऐसा दर्द है जिससे हर माँ को गुजरना पड़ता है | यह दर्द बेहद ही असहनीय होता है | लेकिन यह दर्द इस बात का संकेत दे देता है की माँ किसी भी समय बच्चे को जनम दे सकती है | यदि महिला की नार्मल डिलीवरी है तो उसे इस दर्द से गुजरना ही पड़ेगा |
प्रसूति / प्रसव, जिसे इंग्लिश में लेबर कहते हैं | इस प्रक्रिया के द्वारा न केवल बच्चे बल्कि एक माँ का जन्म भी होता है क्योंकि बच्चा जनने के बाद ही एक स्त्री, माँ कहलाती है।
पहले बच्चे के समय प्रसव में औसतन 12 से 18 घंटे लगते हैं जबकि दूसरे बच्चे में यह समय 7 घंटे माना जाता है। किन्तु यह याद रखना भी ज़रूरी है की हर प्रेगनेंसी अलग होती है और ज़रूरी नहीं जैसा एक प्रसव में हुआ है वैसा दूसरे में भी हो।
प्रसव शुरू होने के संकेत Signs of labor
यदि आप गर्भवती हैं और गर्भावस्था के किसी ही समय आपको निम्न लक्षण हो तो भी तुरंत हॉस्पिटल में जा कर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। किसी भी तरह की दिक्कत में हॉस्पिटल में बिना समय गवाएं आप का सही ट्रीटमेंट हो सकेगा। अगर गर्भ के पहले 28 सप्ताह पर योनि से पानी या खून जाने लगे तो यह संभावित गर्भपात के लक्षण है।
- गर्भावस्था के अंत में या 9वें महीने में ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन में वृद्धि हो जाती है। ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन वे संकुचन हैं जो पूरी गर्भावस्था में रुक-रुक का आते रहते है। इनमे दर्द नहीं होता। लेकिन लेबर शुरू होने में इसमें दर्द भी होता है। प्रसव के लक्षणों में शामिल है:
- बच्चे का हिलना-डुलना कम हो जाना या बंद हो जाना
- झिल्ली का फट जाना (कई मामलों में ऐसा नहीं होता)
- योनि से खून जाना, खून जाने से पहले सफ़ेद डिस्चार्ज
- नियमित अंतराल पर संकुचन, इन कॉन्ट्रैक्शन के आने का अंतराल छोटा होता जाता है
- ऐंठन, पेट दर्द, मासिक जैसे दर्द
- पीठ में दर्द का होना
- पैर में दर्द होना, क्रैम्प आना
- बेचैनी होना, पसीना अना
- सर्विक्स / गर्भाशय की गर्दन का फ़ैलना
- बहुत अधिक दर्द होना
यदि ऐसे लक्षण हों तो तुरंत ही हॉस्पिटल जा कर गाइनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। गाइनाकोलॉजिस्ट, योनि की फिंगर जांच के द्वारा यह पता लगाते हैं की बच्चा नीचे की तरफ आ रहा है की नहीं और योनी का डाईलेशन कितना है। यदि लेबर शुरू हो चुका हो तो तुरंत ही हॉस्पिटल में एडमिट हो जाएँ जिससे बच्चे का जन्म सही से डॉक्टरों की देख-रेख में हो सके।
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